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इरफान खान ने कुर्बानी विवाद पर धर्मगुरुओं को दिया करारा जवाब...

सिर पंचमी कब है2023-09-22 20:06:34【g20 क्या है】1人已围观

简介बकरीद पर होने वाली कुर्बानी पर सवाल उठाते हुए एक्टर इरफान खान की टिप्पणी पर कुछ धर्मगुरुओं ने तीखा ज

बकरीद पर होने वाली कुर्बानी पर सवाल उठाते हुए एक्टर इरफान खान की टिप्पणी पर कुछ धर्मगुरुओं ने तीखा जवाब देते हुए उनसे सिर्फ अपने काम पर ध्यान देने को कहा है. लेकिन इरफान ने वापस जवाब देते हुए कहा है कि वह उनसे नहीं डरते हैं,इरफानखाननेकुर्बानीविवादपरधर्मगुरुओंकोदियाकराराजवाब क्योंकि वह धार्मिक ठेकेदारों द्वारा चलाए जा रहे देश में नहीं रहते हैं.इरफान ने ट्वीट किया, ‘भाइयों, जो भी या तो आप आत्मविश्लेषण के लिए तैयार नहीं हैं, या फिर आपको निष्कर्ष तक पहुंचने की बहुत जल्दी है.’ 49 वर्षीय एक्टर ने ट्वीट किया है, ‘मेरे लिए धर्म व्यक्तिगत आत्मविश्लेषण है, यह करुणा, ज्ञान और संयम का स्रोत है, यह रूढ़िवादिता और कट्टरता नहीं है. धर्मगुरुओं से मुझे डर नहीं लगता. शुक्र है भगवान का कि मैं धर्म के ठेकेदारों द्वारा चलाए जाने वाले देश में नहीं रहता.'Pls Bhaiyon, who r upset with my statement, either u r not ready to introspect or u r in a hurry 2 reach 2 a conclusion.Clerics don't scare me !! Thank God I don't live in a country governed by religious contractors (thekedars ) For me religion is abt personal introspection , it's a source for compassion, wisdom and moderation n not for stereotyping n fanaticism.हाल ही में अपनी फिल्म ‘मदारी’ के प्रमोशन के लिए जयपुर आएपर मासूम जानवरों की कुर्बानी दिए जाने पर सवाल उठाया था.इरफान ने कहा था, ‘लोगों को इस रिवाज के पीछे के वास्तविक कारण को समझना चाहिए. जब रिवाज शुरू हुआ होगा, तब जानवर भोजन का मुख्य स्रोत थे और लोग अपने भोजन की कुर्बानी देते थे. वर्तमान में लोग बाजार से दो बकरियां खरीदते हैं और कुर्बानी के नाम पर उनकी हत्या कर देते हैं, फिर यह सच्ची कुर्बानी कैसे हुई?’मुसलमान धर्मगुरुओं ने उनकी टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाया और अभिनेता को सलाह दी कि वह अपने काम पर ध्यान दें, धार्मिक रिवाजों की अपनी व्याख्या ना करें.जयपुर के शहर काजी खालिद उस्मानी ने कहा, ‘ अभिनेता हैं और उन्हें सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. उन्हें धार्मिक ज्ञान नहीं है और उन्हें कुर्बानी या रमजान पर सवाल उठाने से पहले किसी धर्मगुरु से संपर्क कर इसके बारे में सीखना चाहिए था.’ उन्होंने कहा कि इस्लाम अस्पष्ट नहीं है और इरफान को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए.

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