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सैफई में हनुमान मंदिर के पीछे बनेगा मुलायम सिंह यादव का अंत्येष्टि स्थल, यहीं होगा अंतिम संस्कार

时间:2010-12-5 17:23:32  作者:आज का   来源:आईपीएल प्वाइंट्स टेबल  查看:  评论:0
内容摘要:सैफई की जिस जमीन से निकलकर मुलायम सिंह यादव ने अपनी सियासी पहचान बनाई, कल वहीं पर उनका अंतिम संस्कार

सैफई की जिस जमीन से निकलकर मुलायम सिंह यादव ने अपनी सियासी पहचान बनाई,सैफईमेंहनुमानमंदिरकेपीछेबनेगामुलायमसिंहयादवकाअंत्येष्टिस्थलयहींहोगाअंतिमसंस्कार कल वहीं पर उनका अंतिम संस्कार होगा. इटावा के सैफई में मुलायम सिंह के आखिरी विदाई की तैयारियां शुरु हो गई हैं. किसान बाजार के पास की जमीन पर साफ सफाई का काम चल रहा है. यहीं पर नेताजी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.मुलायम सिंह के निधन की खबर मिलते ही सैफई में मातम पसर गया. उनके घर पर लोगों का हुजूम जमा होने लगा. मुलायम सिंह को याद करके उनके रिश्तेदारों और दोस्तों की आखें भर आ रही हैं. कल दोपहर 3 बजे मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार सैफई में किया जाएगा. नेता जी को श्रद्धांजलि देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे.मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. खैर इस समय सैफई में सन्नाटा है. किसी को भरोसा नहीं हो रहा कि नेताजी नहीं रहे, लेकिन हकीकत यही है कि मुलायम सिंह जैसा सियासी सितारा अब कभी नजर नहीं आएगा. परिवार के लोगों के साथ ही पूरे गांव की आंखें नम हैं.'जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है'..... ये नारा यूं ही नहीं गूंजता था. 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले मुलायम सिंह यादव अपने संघर्ष से उस मुकाम तक पहुंचे, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. दंगल में दोगुने पहलवान को पटखनी देने वाले मुलायम ने सियासी दांव से विरोधियों को परास्त किया.भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को रोकने के लिए कांशीराम और मायावती से गठबंधन किया. तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार रक्षा मंत्री बने. बेटे अखिलेश यादव को 5 साल के लिए सीएम बनाया और दोबारा सियासी घमासान में उसके लिए प्रचार भी किया. इन सबके बीच उनके विरोधी भी आज विनम्रता और सादगी के लिए उन्हें याद करते हैं.
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