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मोबाईल से बिस्तर तक

सिर पंचमी कब है2023-09-22 19:21:25【आईपीएल क्रिकेट मैच लाइव】6人已围观

简介मेरा नाम रितेश है, मैं जयपुर रहता हूँ, कद 5’10” एवरेज बॉडी नॉर्मल लुक्स और 7.5″ का लिंग !अब मैं अपनी

मेरा नाम रितेश है,मोबाईलसेबिस्तरतक मैं जयपुर रहता हूँ, कद 5’10” एवरेज बॉडी नॉर्मल लुक्स और 7.5″ का लिंग !अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। एक दिन एक फ्रेंड ने मुझसे मेरा नया नम्बर माँगा, मैंने कुछ ही दिन पहले नया नम्बर लिया था। मैंने उसे एस एम एस कर दिया पर ग़लती से नम्बर गलत टाइप हो गया और संदेश किसी और को गया।उस नम्बर से रिप्लाई आया- ‘हू आर यू’मैं समझा कि मेरा दोस्त मुझसे मज़ाक कर रहा है, तो मैंने उसके रिप्लाई में कहा- बता साले कि मैं कौन हूँ?और उसको कई उल्टी सीधी बातें लिख दी जिसमे कुछ नोन वेज बात भी थी।तो उसका नतीज़ा यह हुआ कि मुझे रिप्लाई में उस नम्बर से कॉल आया, मैंने नम्बर देखा और-मैं- हेलो !उधर से एक लेडी बोली- हेलो हू इस दिस?मैं- आई एम रितेश ! हू आर यू?लेडी- हू रितेश? एण्ड वट यू वान्ट? यू आर मैसेजिंग मी !मैं- मैसेज? विच मैसेज? आई डि’न’ट सेंड अन्य मैसेज टू यू।लेडी- यू सेंड मी अ मैसेज दैट माई नम्बर हैस बिन चेंज्ड ! डिड यू ओर नोट?फिर मुझे लगा कुछ गड़बड़ है, मैं उसे होल्ड करने को कहा और अपना फोन चेक किया तो देखा कि मैंने दोनों मैसेज गलत नम्बर पर सेंड कर दिए और फिर मैं उस लेडी से- सॉरी मैम, हू एवर यू आर ! आई डॉन्ट नो यू ! देएज मैसेज आर सेंट बाई मिस्टेक ! आई हॅव टू टाइप 6 इनस्टेड ऑफ 9 इन द नम्बर !और मैंने उसे अपने दोस्त का नम्बर बता दिया ओर वो समझ गई कि सच में ग़लती हुई है।फिर वो बोली- कोई बात नहीं ! लेकिन आपको कोई भी मैसेज भेजने से पहले ध्यान रखना चाहिये ! पर आपने दूसरा मैसेज क्या भेजा जानते हो आप?मैं- सॉरी मैम, मुझे नहीं पता था कि मैं गलत नम्बर पर भेज रहा हूँ।लेडी- कोई बात नहीं ! लेकिनआगे ध्यान रखना !क्योंकि उस लेडी आवाज़ बहुत सेक्सी थी तो मैंने पलट कर कह दिया- इन फ्यूचर, मैं आपको सिर्फ़ अच्छे मैसेज करुंगा।लेडी- क्या? क्या मतलब है तुम्हारा?मैं- मैने कहा कुछ नहीं !लेडी- नहीं, अभी आपने कुछ कहा।मैं- मैने कहा कि क्या आप मेरी फोन फरेन्ड बनेंगी?मैंने सीधे ही पूछ लिया।लेडी- वेरी स्मार्ट ! मैं सोच कर बताऊँगी।मैं- मैं इन्तजार करुंगा।कुछ घंटे बाद उसका मैसेज आया, उसमें लिखा था जिसका मतलब था- आपका नाम क्या है और आप करते क्या हैं?मैंने उत्तर दिया- मैं रितेश हूँ और पढ़ाई कर रहा हूँ।फिर उसने मैसेज किया- क्या आपको पता है कि मैं शादीशुदा हूँ और एक चार साल के बच्चे की माँ हूँ? यह जान कर भी तुम मुझसे दोस्ती करना चाहोगे?मैंने मैसेज किया- मुझे क्या फ़र्क पड़ता है कि आप शादीशुदा हैं और आपके एक बच्चा है। मुझे कौन सा शादी करनी है आपसे, और दोस्ती के लिए इन बातों का कोई मतलब नहीं।फिर मैंने मैसेज किया- आपका नाम क्या है और आप क्या करती हैं?उसने बताया- प्रियंका (नाम बदल कर दिया गया है।) और घर में ही रहती हूँ।फिर उसने कहा- मैं तुम से फ़ोन पर बात कर सकती हूँ?मैंने कहा- हाँ बिल्कुल ! अगर आप चाहें तो !उसका कॉल आया !मैं- हेलो !प्रियंका- हाय !मैं- क्या सोचा?प्रियंका- अभी सोचा नहीं !मैं- तो कितना टाइम लोगी?प्रियंका- कुछ टाइम तो लगेगा !प्रियंका- मैं तुम्हें देख सकती हूँ?मैं- हाँ, क्यों नहीं ! पर कैसे?प्रियंका- अपनी फ़ोटो भेजो !मैं- नहीं ! फ़ोन से नहीं ! आपके पास कम्प्यूटर हो तो?प्रियंका- हाँ है !मैं- तो मैं अभी मेल कर देता हूँ !मैं- लेकिन आपको भी अपनी भेजनी होगी?प्रियंका- ओ के !मैंने उसका इमेल आईडी लिया और मैंने अपनी तस्वीर भेज दी, और फ़िर उसने अपनी !दोस्तो, क्या बताऊँ ! क्या औरत थी वो ! एक विशुद्ध भारतीय घरेलू महिला। पर ऐसा लग रहा था कि किसी ने आग को साड़ी में लप्पेट कर खड़ा कर दिया हो !मैंने उसे कॉल किया- प्रियंका यू आर वेरी ब्यूटिफुल !प्रियंका- कहाँ ! नहीं !असल में ऐसा कुछ नहीं है !और वो चुप हो गई।मैं- क्या हुआ?प्रियंका- कुछ नहीं !मैं- तुम नहीं बताना चाहती तो ना सही अच्छा, बतओ मेरी फ़ोटो कैसी लगी? बेकार सी है ना?प्रियंका- नहीं बेकार तो नहीं है, पर यू आर सो स्लिम ! खाना वाना नहीं खाते क्या?और हंस पड़ी।मैं- नहीं, ऐसा नहीं है, मैं शुरू से ही ऐसा हूँ।प्रियंका- ओ के !मैं- फिर क्या सोचा?प्रियंका- किस बारे में?मैं- दोस्ती के बारे में !प्रियंका- बगैर दोस्ती के इतनी बात हो सकती है क्या?मैं- क्या? क्या? इसका मतलब तुम मान गई?प्रियंका- हाँ !मैं जोर से बोला- थैंक यू !प्रियंका हंस कर- बुद्धू !मैं- प्रियंका, तुम्हारी उम्र क्या है?प्रियंका- 27 और तुम?मैं- 21फिर हम कुछ दिन हम यों ही बातें करने लगे। दो तीनन दिन में मैसेज और फोन पर बात करते करते हम काफ़ी करीब आ गये और अपने निजी जीवन के बारे में भी बातें करने लगे।प्रियंका ने बताया कि उसकी शादी उसके माता पिता ने करवा दी थी और वो अपने पति रोहित से खुश नहीं है।फिर मैंने एक दिन उससे कहा- हम मिल सकते हैं?उसने कहा- हाँ ! बिल्कुल !मैं- तो कब?वो- जब तुम चाहो तब पर मेरे पति के सामने नहीं !मैं- तो?वो- तुम दिन के समय आ सकते हो !मैं- कहाँ?वो- अरे मेरे घर ! और कहाँ?मैं- तो आज ही मिलें हम?वो थोड़ा सोच कर- ओ के !मैं- आपका पता !उसने अपना पता मुझे बताया और मैं कॉलेज से सीधे उससे मिलने चला गया।मैंने उसकी सोसाइटी के बाहर पहुँच कर उसे कॉल किया- प्रियंका, मैं आपकी सोसाइटी के गेट पर हूँ।वो- सीधे अन्दर आओ और तीसरे कट से लेफ्ट लेना, बिल्कुल सामने ग्राउंड फ्लोर पर मेरा फ्लैट है।उसने मुझे फ्लैट नम्बर बताया और कहा- दरवाजे पर मेरे पति रोहित की नाम प्लेट लगी है।मैंने पहुँच कर डोर बेल बजाई एक सादी सी साड़ी वाली लेडी, जिसकी उमर 23-24 साल की होगी, ने दरवाजा खोला।मैं- प्रियंका?वो- मेमसाब अंदर हैं।मैं शांत हुआ कि यह तो नौकरानी है।वैसे तो मैने प्रियंका की तस्वीर देख रखी थी फिर भी मुझे पक्का नहीं पता था कि उसने सही तस्वीर भेजी थी या नहीं।वो- आप?मैं- मैं रितेश !वो- अंदर आइए, मैं भाभी को बोलती हूँ।मैं अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया। दो मिनट बाद एक महिला आई, यह वही थी जिसकी तस्वीर मैंने देखी थी।वो प्रियंका, दोस्तो जो तस्वीर मैंने देखी थी, उससे ज़्यादा सेक्सी थी, वो कसा हुआ बदन, गोरा रंग, गुजराती स्टाइल साड़ी !मेरा तो देखते ही दिमाग़ खराब हो गया।वो मेरे सामने आकर बैठी और बोली- आप ही रितेश हैं ना?मैं- जी हाँ ! हेलो !वो- कैसे हैं आप?मैं- अच्छा हूँ ! आप कैसी हैं?वो- एकदम बढ़िया ! घर ढूँढने में परेशानी तो नहीं हुई?मैं- कुछ खास नहीं !वो- क्या लोगे? कुछ गर्म या ठण्डा?मैं- कुछ भी !उसने अपनी सेविका को बुलाया- साब के लिए पानी लाओ ! और फिर चाय बना लो !मैंने उसे टोका- प्रियंका, मैं चाय नहीं पीता !प्रियंका- ओके तो पेप्सी या कोक लेकर आओ !सेविका पानी ले आई, वो फिर चली गई।इतने में मैंने देखा कि प्रियंका मुझे एक नज़र से लगातार देखे जा रही है।मैंने उससे पूछा- क्या देख रही हो?वो- कुछ नहीं !मैं- कुछ तो है।वो- कुछ नहीं।मैं- अच्छा तो तुम्हारा बेटा शशांक कहाँ है?वो-: यही है अंदर कमरे में ! मिलोगे?मैं- हाँ !उसने सेविका से बेटे को बुलाने को कहा।दो मिनट में वो आ गया और प्रियंका की बगल में बैठ गया।प्रियंका- अंकल से हेलो बोलो !शशांक : हेलोमैं- हेलो, क्या नाम है आपका?शशांक- शशांकमैं- मेरे पास आओ ! चॉकलेट पसन्द है ना?शशांक- हाँ !और वो मेरे पास आ गया।मैंने शशांक को चॉकलेट दी, वो फिर अपनी मॉम के पास चला गया तो प्रियंका बोली- अंकल को थैन्क्स बोलो !शशांक- थैंक यू अंकल !मैं- इट्स ओके बेबी !प्रियंका शशांक से- जाओ, अंदर जाकर खेलो।प्रियंका- कैसा लगा मेरा शोना?मैं- क्या?वो- मेरा बेटा !मैं- बहुत क्यूट है।“और घर?”‘बहुत अच्छा ! काफ़ी अच्छे से सज़ा रखा है !”“और मैं?”मैं- तुम लगती नहीं 27 की?“झूठ बोल रहे हो !”मैं- नो ! आई एम सीरीयस !वो कुछ कहती, इतनी देर में सेविका कोक लेकर आ गई, मैंने कोक ली और फिर वो प्रियंका को कोक देने लगी। इतनी देर में फोन की बेल बजी तो सेविका हड़बड़ा गई और उसके हाथ से सर्विस ट्रे छूट गई, कोक छलक कर प्रियंका की साड़ी पर गिर गई।प्रियंका- उफ़्फ़ ! क्या हुआ तुम्हें? मेरी साड़ी खराब कर दी।सेविका- ग़लती हो गई भाभी !प्रियंका- फोन देखो !और वो फोन रिसीव करने चली गई। इतने प्रियंका अपने साड़ी पर से कोक साफ करने लगी जिसके लिए वो बैठे बैठे ही झुकी और उसका पल्लू नीचे सरक गया।क्या बताऊँ कि क्या नज़ारा था ! उसके 36 इंच के उरोज कसे ब्लाउज में ऐसे लग रहे थे कि अभी ब्लाउज फाड़ कर बाहर आ जाएँगे और मेरा लंड खड़ा होकर पूरा 7.5″ का हो गया, मैं इस नज़ारे को देखने इतना मशगूल हो गया कि भूल गया कि प्रियंका मुझे देख रही है।फिर उसने मुझे टोका- क्या देख रहे हो?“कुछ नहीं !”प्रियंका- यू नॉटी !मैं- सॉरी।प्रियंका- इट्स ओ के !हमारी बात पूरी नहीं हुई थी की सेविका आई और बोली- भाभी, बगल वाली शर्मा आंटी मार्केट जा रही हैं, कह रही हैं कि कुछ मंगाना तो नहीं?प्रियंका- हाँ वो सुबह लिस्ट बनाई थी ना, वो सामान लाना है। एक काम कर, तू साथ चली जा और सामान ले आ ! वो सब दिला देंगी !सेविका- जी मैम !प्रियंका- मेरा पर्स ला, मैं पैसे देती हूँ।सेविका- वो पीछे ही पड़ा है।सेविका चली गई।मैं- प्रियंका, तुम्हारा बेटा अकेले अंदर रूम में क्या कर रहा है?वो- कुछ नहीं, अकेला खेलता रहता है।यह कह कर वो उठी ओर मेरे बगल में आकर बैठ गई और मैंने नोटिस किया कि वो काफ़ी देर से मुझे बड़ी अजीब से अंदाज़ से देख रही है।मैं- आप मुझे ऐसे क्यों देख रही हैं इतनी देर से?वो- यू आर क्यूट !मैं- मैं?मैं ज़ोर से हंसा।वो- तुम्हें झूठ लगता है?मैं- कोरा झूठ !वो- रूको !और उसने मेरे गाल पर किस कर लिया।मुझे बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि वो कुछ ऐसा भी करने वाली है।मैं- यह क्या है?वो- क्यों? हम यह सब नहीं कर सकते?मैं- पर तुम्हारे पति?वो- वो मुझे कुछ करते तो मैं थोड़े ना तुम्हारे हाथ लगती।मैं- क्यों?वो- उन्का कोई चक्कर चल रहा है बाहर !मैं हैरान रह गया।मैं- क्या?वो- हाँ !मैं- तुमने रोका नहीं?वो- कई बार ! हर बार कसम खाते हैं कि आगे से नहीं मिलूँगा, पर नहीं निभाते।मैं- और तुम?वो- मुझे तो बेड पर हाथ भी नहीं लगाते !मैं- क्यों?वो- कहते हैं, शशांक बड़ा हो रहा है।मैं- ऊऊओह..वो- अब तुम ही बतओ कि मैं क्या करूँ?और कह कर रोने लगी।मैंने उसके गालों पर अपने हाथ रखे और..मैं- रोओ मत !मैं आपकी हर तरह से मदद करुँगा।उसने आँखें बंद कर ली और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा।क्या बात थी उस किस में ! ऐसा लग रहा था कि सारा रस पी जाऊँ !तभी उसने कहा- रूको !वो उठी, जाकर दरवाजा बन्द कर दिया और मुझे इशारे से अपने पीछे आने को कहा।मैं उठा, उसके पीछे हो लिया ! हम दोनों एक रूम में गये, वहाँ उसका बेटा खेल रहा था।प्रियंका शशांक से- शोना ! तुम बाहर जाकर खेलो, मैं अंकल को कुछ चीज़ दिखा देती हूँ, और कोई फोन आए तो उठाना मत, ओके?शशांक : ओते !शशांक के जाते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया और जल्दी मेरे पास आकर मेरे गले लग गई, मेरे होंटों को चूसने लगी। मैंने भी देर ना करते हुए जल्दी से उसे बाहो में कस लिया और किस करते हुए उसे बेड पर लिटा लिया, उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया।अब मेरे सामने उसके बड़े बड़े बूब्स सिर्फ़ ब्लाउस में थे ! मैंने उनका ब्लाउज खोलना शुरू किया, एक एक करके मैंने सारे हुक खोल दिए। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट में थी। उसकी ब्रा को खोलने के बाद मैंने उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया।प्रियंका छटपटा रही थी क्योंकि उसको दर्द हो रहा था।फ़िर मैंने उसके पेट पर बहुत से किस किए और उसकी चूची को अपने मुंह में रख कर चूसने लगा। तब मैंने उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया, वो गुलाबी रंग की पेंटी में थी। मैंने उसकी पेंटी उतार दी, उसकी चूत पर थोड़े से बाल थे। प्रियंका ने मेरा मुँह अपनी चूत पर कर दिया, मैं उसकी चूत को चूसने लगा।प्रियंका मचल रही थी, उसकी चूत की खुशबू भी शानदार थी। थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड प्रियंका की चूत में डालना शुरू किया।प्रियंका को दर्द हो रहा था पर वो कह रही थी- जल्दी से डाल दो !मैंने प्रियंका की कमर के नीचे तकिया लगाया और उसने अपनी टांगें मेरे कंधों पर रख दी, मैं धीरे धीरे उसकी चूत में मेरा लंड सरकाने लगा। कुछ ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी गोरी योनि में घुस गया।प्रियंका चिल्ला उठी- आ आआ आअ ! प्लीज रितेश ! धीरे करो ! मैं मर जाऊँगी !लेकिन मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी मजे से !हम लोगों ने खूब मजा लिया सेक्स का ! फ़िर मैंने अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।सेक्स करने के बाद प्रियंका का मुंह एकदम लाल हो गया था, उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे।मैंने उसको प्यार से किस किया और कहा- आज तो आपने मुझे जीवन का एक नया आनन्द दिया है।प्रियंका ने कहा- प्लीज, किसी से इस बात के बारे में नहीं बताना !फिर प्रियंका ने अपने कपड़े पहने और नहाने चली गई। मैं भी लौट कर चला आया।तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी?मुझे मेल करें !

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